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Sunday 14 February 2016

शुक्ला सप्तमी पर स्नान करने से होती है मोक्ष की प्राप्ति

शुक्ला सप्तमी पर स्नान करने से होती है मोक्ष की प्राप्ति
कमोदा तीर्थ पर आज लगेगा शुक्ला सप्तमी मेला

कुरुक्षेत्र, 13 फरवरी                      गांव कमोदा के श्री काम्यकेश्र्वर महादेव मंदिर एवं तीर्थ पर माघ माह की 14 फरवरी को रविवारीय शुक्ला सप्तमी मेला आयोजित होगा। तीर्थ में शुक्ला सप्तमी के शुभ अवसर पर स्नान करने से मोक्ष प्राप्त होती है। तीर्थ में स्वच्छ जल भरा जा चुका है। ग्रामीण मेले के आयोजन की तैयारियों में जुटे हुए हैं। मंदिर को लड़ियों से सजाया गया है है जबकि मंदिर पर रंग-रोगन कर भव्य रूप से सजाया गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार रविवारीय शुक्ल सप्तमी के दिन तीर्थ में स्नान करने से मोक्ष व पुत्र रत्‍‌न की प्राप्ति होती है। महर्षि पुलस्त्य जी और महर्षि लोमहर्षण जी ने वामन पुराण में का यकवन तीर्थ की उत्पति का वर्णन करते हुए बताया कि इस तीर्थ की उत्पति महाभारत काल से पूर्व की है। एक वार नैमिषारण्य के निवासी बहुत ज्यादा सं या में कुरुक्षेत्र की भूमि के अंतर्गत सरस्वती नदी में स्नान करने हेतु का यवक वन में आए थे। वे सरस्वती में स्नान न कर सके। उन्होंने यज्ञोपवितिक नामक तीर्थ की कल्पना की और स्नान किया, फिर भी शेष लोग उस में प्रवेश ना पा सके तब से मां सरस्वती ने उनकी इच्छा पूर्ण करने के लिए साक्षात कुंज रूप में प्रकट होकर दर्शन दिए और पश्चिम-वाहनी होकर बहने लगी। इससे स्पष्ट होता है कि का यकेश्र्वर तीर्थ एवं मंदिर की उत्पति महाभारत काल से पूर्व की है।
          वामन पुराणा के अध्याय 2 के 34 वें श्लोक के का यकवन तीर्थ प्रसंग में स्पष्ट लिखा है कि रविवार को सूर्य भगवान पूषा नाम से साक्षात रूप से विद्यमान रहते हैं। इसलिए वनवास के समय पांडवों ने इस धरा को तपस्या हेतु अपनी शरणस्थली बनाया। द्यूत-क्रीड़ा में कौरवों से हारकर अपने कुल पुरोहित महर्षि धौ य के साथ 10 हजार ब्राह्मणों के साथ यहीं रहते थे। उनमें 1500 के लगभग ब्राह्मण श्रोत्रिय-निष्ठ  थे जो प्रतिदिन वैदिक धर्मानुष्ठान एवं यज्ञ करते थे। ग्रामीण सुमिंद्र शास्त्री ने बताया कि मंदिर में 14 फरवरी को रविवारीय शुक्ला सप्तमी मेला लगेगा। उनके अनुसार इसी पावन धरा पर पांडवों को सांत्वना एवं धर्मोपदेश देने हेतु महर्षि वेदव्यास जी, महर्षि लोमहर्षण जी, नीतिवेता विदुर जी, देवर्षि नारद जी, वृहदश्र्व जी, संजय एवं महर्षि मरकडेय जी पधारे थे। इतना ही नहीं द्वारकाधीश ागवान श्रीकृष्ण जी अपनी धर्मपत्‍‌नी सत्यभामा के साथ पांडवों को सांत्वना देने पहुंचे थे। पांडवों को दुर्वासा ऋषि के श्राप से बचाने के लिए और तीसरी बार जयद्रथ द्वारा द्रोपदी हरण के बाद सांत्वना देने के लिए भी भगवान श्रीकृष्ण का यकेश्र्वर तीर्थ पर पधारे थे। पांडवों के वंशज सोमवती अमावस्या, फल्गू तीर्थ के समान शुक्ला सप्तमी का इंतजार करते रहते थे।                                                                                                                                   


फोटो समाचारबच्चों को अच्छी शिक्षा व संस्कार देने का लक्ष्य है सरकार का : पवन----------विधायक डा. पवन सैणी ने किया बच्चों को सम्मानित,बच्चों ने प्रस्तुत किए रंगारंग कार्यक्रम, प्राच्य शिक्षा निलय स्कू ल का वार्षिकोत्सव संपन्न

कुरुक्षेत्र, 13 फरवरी -लाडवा के विधायक डा. पवन सैणी ने कहा कि बच्चों को अच्छी शिक्षा व संस्कार देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। जब प्रदेश की युवा पीढ़ी संस्कारित होगी तभी प्रदेश विकास की राह पर अग्रसर होगा। इन्ही अहम उद्ेश्यों को लेकर सरकार काम कर रही है। राज्य सरकार के साथ शिक्षण संस्थानों का भी कर्तव्य बन जाता है कि बच्चों को संस्कृति, ज्ञान विज्ञान, शारीरिक, नैतिक व स्वास्थ्य संबधि मुल्यों पर आधारित शिक्षा व संस्कार दें।
विधायक डा. पवन सैणी शनिवार को गांव ब्राह्मणान खेड़ी सलारपुर रोड स्थित प्राच्य शिक्षा निलय सीनियर सैंकेडरी स्कूल के वार्षिकोत्सव में बैतोर मुख्यातिथि के रूप में बोल रहे थे। इससे पहले विधायक डा. पवन सैणी, कार्यक्रम के विश्ष्टि अतिथि डा. हिम्मत सिंह सिन्हा, विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के निदेशक डा. रामेंद्र सिंह ने दीप शिखा प्रज्ज्वलित कर विधिवत रूप से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। विधायक ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों को शिक्षा देना व संस्कारवान बनाना शिक्षकों व अभिवावकों को लिए एक चुनौती बन गया है। इस चुनौती को स्वीकार करते हुए सभी को बच्चों की शिक्षा पर पूरा ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की युवा पीढ़ी से मन की बात करने के लिए रेडियों जैसे साधनों का प्रयोग कर रहे है। प्रधानमंत्री मन की बात कार्यक्रम से युवा पीढ़ी को जागरूक करने का प्रयास कर रहै है। प्रधानमंत्री को पता है कि अगर देश की युवा पीढ़ी जागृत हो गई तो दुनिया में ऐसी कोई ताकत नहीं जो भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने से रोक सके। इसी प्रकार प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए नई शिक्षा नीति तैयार की है।
                            प्रोफेसर हिम्मत सिंह सिन्हा ने कहा कि बच्चों को संस्कारवान बनाना सभी का उद्ेश्य है । इस उद्ेश्य हासिल करने के लिए का सभी बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देना होगा। राज्य सरकार का प्रयास रहा है कि स्कूलों में बच्चों को हर प्रकार की सुविधाएं मुहैया करवाई जाए। विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के निदेशक डा. रामेंद्र सिंह ने कहा कि बच्चों को शिक्षा के साथ अन्य गतिविधियों पर पूरा ध्यान देने की जरूरत है। बच्चों को सर्वांगिक विकास होना बहुत जरूरी है। स्कूल के प्रिंसीपल हीरा लाल ने स्कूल की वार्षिक गतिविधियों पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि स्कूल की तरफ से बच्चों को हर प्रकार की सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है। इस स्कूल के बच्चे हर क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल कर रहे है। इसके अलावा उन्होंने स्कूल की महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला और सभी मेहमानों का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में कुमारी सोनियों को आंमत्रित अतिथि के रूप में बुलाया गया था। इस वार्षिकोत्सव में बच्चों ने नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए, हरियाणवीं लोक नृत्य, राजस्थानी लोक नृत्य, भंगड़ा व गिद्दा की शानदार प्रस्तुति देकर सबको तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद मुख्यातिथि विधायक डा. पवन सैणी ने बच्चों को प्रशंसा पत्र व पुरस्कार  देकर सम्मानित किया।

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