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Thursday 4 February 2016

संगीत व लोक कला के धुरंधरों ने कलाकारों को दिए टिप्स

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संगीत व लोक कला के धुरंधरों ने कलाकारों को दिए टिप्स
रागनियों की बारीकियों और रागों व सुरों से ओत-प्रोत हुए कलाकार, रोहतक मंडल की कार्यशाला का समापन आज

कुरुक्षेत्र 4 फरवरी - संगीत और लोक कला के धुरंधरों ने प्रदेश के विभिन्न पांच जिलों से आए लोक कलाकारों को हरियाणा की माटी से जुड़े संगीत और कलाओं के बारे में गूढ़ जानकारी दी और गीतों तथा संगीत के माध्यम से सरकार की योजनाओं को प्रभावी तरीके से जन-जन तक पहुुंचाने के टिप्स भी दिए। इन विषय विशेषज्ञों को वीरवार को मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर मेें सूचना, जन सम्पर्क एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की तरफ से रोहतक मंडल के भजन पार्टी सदस्यों व खंड प्रचार कार्यकर्ताओं की कार्यशाला में बुलाया गया था। 
सुबह के सत्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय संगीत विभाग की चेयरमैन प्रो. सुचिस्मिता ने लोक कलाकारों को संगीत में दृश्यात्मकता की अवधारणा, सुरीला गीत, सहज स्वभाव और नये साहित्य का संकलन करने के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि लोक गीत व संगीत को अच्छा बनाने के लिए मन के भावों को पहचानने की जरुरत है। जब कलाकार अपने मन के भावों को शब्दों में पिरोता है तो निश्चित ही नया गीत और संगीत जन्म लेता है। इस प्रकार ये गीत और संगीत दर्शकों और श्रोताओं पर अपनी छाप छोड़ते हैं। उन्होंने लोकगीत और शास्त्रीय संगीत के बारे में बताते हुए कहा कि लोकगीतों में शास्त्रीय संगीत का मिश्रण करके लोकगीतों को प्रभावी बनाया जा सकता है। 
सेवानिवृत जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी देवराज सिरोहीवाल ने लोक कथाओं की प्रस्तुति में भावभंगिमाओं और रंग तथा विभिन्न रसों के बारे में जानकारी देते

हुए कहा कि लोक कलाकारों को अपनी प्रस्तुति के दौरान अपने हाव-भाव पर विशेष ध्यान देना चाहिए। प्रस्तुति देने वाले कलाकार को दर्शकों और श्रोताओं को देखकर अपनी प्रस्तुति को प्रभावी ढंग से देना चाहिए। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय संगीत विभाग के विद्यार्थी एवं प्रसिद्ध युवा लोक कलाकार दिलावर कौशिक ने रागनियां सुनाकर कलाकारों को लोक संगीत और शास्त्रीय संगीत की बारीकियों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि क्लासिकल म्यूजिक ही पहले लोक संगीत था। जब लोक संगीत को नियमों में बांध दिया गया, तब वह शास्त्रीय संगीत कहलाया। उन्होंने कहा कि भक्ति संगीत, लोक संगीत और शास्त्रीय संगीत एक ही पहलू है। सभी को एकाग्रचित होकर गाना चाहिए और निरंतर अभ्यास करना चाहिए। 
रोहतक विश्वविद्यालय संगीत विभाग के प्रो. हुकम चंद ने रागों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए विभिन्न रागों को भजन गाकर बताने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि उम्र के बढऩे से ज्ञान नहीं बढ़ता, बल्कि ज्ञान को अर्जित करने की जरुरत रहती है। इसी तरह संगीत का निरंतर ज्ञान अर्जित करना बहुत जरूरी है। कलाकार की हर जगह एक परीक्षा होती है और इस परीक्षा को पास करने के लिए संगीत का विशेषज्ञ होना बहुत जरूरी है। उन्होंने करीब 8-10 लोकगीत, भजन की प्रस्तुति देकर कार्यशाला के दोपहर बाद के सत्र में संगीत रस भरने का काम किया। इसी सत्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संगीत विभाग के शोधार्थी अमित ने भी कहा कि लोक संगीत किसी परिचय का मोहताज नहीं है। लोक संगीत को केवल रागनी के रूप में ही नहीं देखा जाना चाहिए। पंडित लख्मीचंद जैसे महान संगीतकारों ने मनोभाव से लोक संगीत को गाया और एक इतिहास बनाने का काम किया। पंडित लख्मीचंद के किस्सों और लोकगीतों को आज शोधार्थी एक शोध विषय के रूप में ले रहे हैं। इसके अतिरिक्त गीतकार मांगे राम खत्री ने बताया कि इस कार्यशाला में अब तक 30 से ज्यादा गीत लिखे जा चुके हैं। इस कार्यशाला के मंच का संचालन वर्कशाप के संयोजक एवं एआईपीआरओ नरेंद्र सिंह ने किया। इस मौके पर जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी सुनील कुमार, एआईपीआरओ धर्मेंद्र सिंह, युनिवर्सिटी से सुरेश भट्ट, मैक की संयोजिका रीना गौरी, धर्मपाल आदि मौजूद थे। 

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डीएवी स्कूल के खिलाडिय़ों ने 53वीं रोलर हॉकी चैम्पियनशिप में जीते 7 मैडल

कुरुक्षेत्र 4 फरवरी - डीएवी स्कूल की प्रिंसीपल गीतिका जसूजा ने कहा कि स्कूल के विद्यार्थियों ने आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम में इंदिरा पार्क में 23 से 28 जनवरी 2016 तक आयेाजित 53वीं रोलर और इनलाईन हॉकी चैम्पियनशिप में 7 मैडल हासिल किए हैं। इन विद्यार्थियों ने स्कूल का नाम पूरे भारतवर्ष में रोशन करने का काम किया है। 
उन्होंने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए बताया कि 53वीं रोलर और इनलाईन हॉकी चैम्पियनशिप में डीएवी स्कूल के विद्यार्थियों ने जूनियर और सब-जूनियर टीमों में खेलकर शानदार प्रदर्शन किया। सब-जूनियर वर्ग में माधव और उमंग ने रोलर हॉकी में गोल्ड मैडल हासिल किए, वहीं जूनियर वर्ग में दक्ष, करण और सहज गिल ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक हासिल कर विद्यालय का नाम रोशन किया। उन्होंने बताया कि जूनियर वर्ग में ही इनलाईन हॉकी में युवराज और हरकीरत ने रजत पदक जीतकर स्कूल को गौरवान्वित किया है।

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