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Wednesday 3 February 2016

कलाकारों को जीवन के अनुभवों को शब्दों की माला में पिरोकर तैयार करने होंगे नये गीत : अशोक

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कलाकारों को जीवन के अनुभवों को शब्दों की माला में पिरोकर तैयार करने होंगे नये गीत : अशोक
लोक कलाकारों को वेशभूषा और मंच पर प्रस्तुति के सिखाए गुर, मंडलस्तरीय कार्यशाला में संगीत और धुनों की बारीकियों के बारे में करवाया अवगत

कुरुक्षेत्र 3 फरवरी - कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय संगीत विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. अशोक शर्मा ने कहा कि लोक कलाकारों को अपने सामाजिक अनुभवों को शब्दों की माला में पिरोना चाहिए और शब्दों की इस माला से गीत तैयार करने चाहिए। इन गीतों का आमजन पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। इससे कलाकार आमजन से जुडक़र सरकार के संदेश को सहजता से दूसरों तक पहुंचा सकता है। 
वे बुधवार को सूचना, जन सम्पर्क एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा की तरफ से मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर में चार दिवसीय रोहतक मंडल के भजन पार्टी सदस्य व खंड प्रचार कार्यकर्ताओं की कार्यशाला में दूसरे दिन बोल रहे थे। उन्होंने कलाकारों को कला और साधना के बारे में बताते हुए कहा कि कला और साधना का उद्देश्य पवित्र है, उसको समझना जरूरी है। समाज में किसी को हंसना बेशक न आए, लेकिन संगीत और रोने की जानकारी सभी को रहती है। संगीत लय और सुर के पहियों पर टिका हुआ है। उन्होंने संगीत के साईटिफिक पहलुओं पर भी प्रकाश डाला और कहा कि स्वर छाया की तरह होता है। संगीत 12 स्वरों, जिसमें 7 कोमल, 4 शुद्ध और एक तीव्र स्वर शामिल हैं, से मिलकर बना है। संगीत को सीखने के लिए ध्यान की जरुरत है और ध्यान लगाकर निरंतर रियाज़ करने से संगीत की विधा में निखार आता है। संगीत को सीखने के लिए कोई उम्र निर्धारित नहीं है। संगीत को सीखने के साथ-साथ अपनी आदतों में भी सुधार लाने की जरुरत है। 
उन्होंने पंडित लख्मीचंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पंडित लख्मीचंद ने समाज से जो ग्रहण किया, उन्होंने अपनी कला के माध्यम से समाज को वापस करने का भी काम किया। उन्होंने यह भी कहा कि कलाकार को अपने मन के गुबार को निकालने के लिए संगीत का प्रयोग करना चाहिए और कलाकार को नियमित रूप से नई रचनाओं का सृजन करना चाहिए व साथ ही परम्परागत रचनाओं के सहेजने का भी काम करना चाहिए। 
वर्कशाप के दूसरे सत्र में सेवानिवृत जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी देवराज सिरोहीवाल ने कलाकारों को बदलते जीवन मूल्यों के अनुसार अपने आप को ढालने का संदेश देते हुए कहा कि कलाकारों को मंच पर आने से पहले उचित वेशभूषा पहननी चाहिए और मंच पर आने के बाद दर्शकों की नब्ज और मानसिकता को पहचानकर अपनी प्रस्तुति देनी चाहिए। कलाकार सरकार की सा$ख बनाने का काम करते हैं। इसलिए मंच पर कलाकारों को गंभीरता के साथ प्रस्तुति देनी चाहिए ताकि कलाकारों के गीत और संगीत से न केवल सरकार का संदेश आमजन तक पहुंचे, बल्कि सरकार की अच्छी सा$ख भी बन सके। इसके अलावा उन्होंने वीआईपी मीटिंग, छोटी व बड़ी जनसभाओं आदि विषयों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। इसके अलावा गीतकार मांगे राम खत्री ने इसी सत्र में लोक कलाकारों को नये गीत तैयार करने के बारे में विस्तृत जानकारी दी और राज्य सरकार की एक साल की उपलब्धियों के बारे में बताया। इस मौके पर जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी सुनील कुमार, एआईपीआरओ नरेंद्र सिंह, एआईपीआरओ धर्मेंद्र सिंह आदि मौजूद थे। 

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अच्छीे स्वास्थ्य व बुद्धि एकाग्रता के लिए खेल जरूरी : पांचाल

कुरुक्षेत्र 3 फरवरी - जिला बाला कल्याण अधिकारी सुशील पांचाल ने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य और बुद्धि की एकाग्रता एवं विकास के लिए खेलकूद गतिविधियों का विशेष महत्व है। वे बुधवार को जिला बाल कल्याण परिषद द्वारा संचालित बाल भवन पब्लिक स्कूल सेक्टर 13 के प्रांगण में नर्सरी से पांचवी कक्षा तक के लिए आयोजित खेल प्रतियोगिता के उदघाटन सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि स्कूल की तरफ से बच्चों को हर प्रकार की सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। उपायुक्त सीजी रजिनिकांतन के दिशा-निर्देशानुसार बच्चों की शिक्षा के साथ-साथ अन्य गतिविधियों पर भी पूरा ध्यान रखा जाता है। उन्होंने बताया कि म्यूजिकल चेयर रेस में नर्सरी कक्षा का लक्ष्य, रिशिमा व युविका क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहे। केजी में अक्ष्रा प्रथम, कुनाल द्वितीय, किट्टु तृतीय, कक्षा प्रथम में टॉफी रेस में पावनी प्रथम, कीर्ति द्वितीय, लक्षिका तीसरे स्थान पर रही। बाधा दौड़ में मधुर प्रथम, प्रियांक द्वितीय, अंशु तृतीय स्थान पर रहे। दूसरी कक्षा की बनाना रेस में माधव प्रथम, वैभव द्वितीय, तरूण तृतीय स्थान पर रहे। फ्लैग रेस में पलक प्रथम, आस्था द्वितीय व अंकिता तीसरे स्थान पर रही। उन्होंने बताया कि तीसरी कक्षा की रस्सी दौड़ में लीज़ा प्रथम, स्मृद्धि द्वितीय व मुस्कान तीसरे स्थान पर रही। चौथी कक्षा में थ्रेड नीडल रेस में लविशा प्रथम, कशिश द्वितीय व निधि तृतीय स्थान पर रहे। स्वैटर रेस में आशीष व चंदन प्रथम, वंशु दूसरे स्थान पर, कक्षा पांचवी की सैक रेस में शिवांश प्रथम, नीरज द्वितीय, अक्षित तीसरे स्थान पर रहा। लैमन व स्पून रेस में आरूषी प्रथम, नीलाशी द्वितीय व दीपाक्षी तीसरे स्थान पर रही। इस अवसर पर योग शिक्षक रामनिवास वर्मा, प्रधानाचार्य श्यामसुंदर मुंझाल सहित स्टाफ के अन्य सदस्य मौजूद थे। 

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आरसेटी ने अब तक 1739 बेरोजगार लोगों को दिया प्रशिक्षण : परमजीत

कुरुक्षेत्र 3 फरवरी - पंजाब नेशनल बैंक ग्रामीण स्वरोजग़ार प्रशिक्षण संस्थान कुरुक्षेत्र द्वारा गांव गढी रोडान में उद्यमी जन-चेतना पर एक दिवसिय जागरुकता शिविर का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में आर.सेटी के संकाय परमजीत सिहं, वितिय साक्षरता परामर्शदाता बीआर शर्मा व सफल उघमी बलकार ने शिरकत की।
संकाय परमजीत सिहं ने कहा संस्थान दवारा कुरुक्षेत्र जिले के बेरोजगार युवक व युवतियों, जिनकी आयु 18-45 वर्ष हैं, उन्हें निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान करता हैं ताकि उन्हें व्यवसायिक कौशलता में प्रांगत किया जाये। उन्होंने बताया कि संस्थान प्रशिक्षित प्रशिक्षुओं को स्वरोजगार स्थापना के लिए आर्थिक सहायता (ऋण सुविधा) व बाजार विपणन में भी लगभग 2 वर्ष तक सहायता व निगरानी करता हैं। सफल उघमियों के लिए समय-समय पर आसेटी बाज़ार की निशुल्क व्यवस्था करता हैं, जहां पर वे अपने द्वारा तैयार प्रोडक्ट को बेचते हैं। उन्होनें बताया कि सस्थान ने अबतक 1,739 बेरोजगार लोगों को प्रशिक्षण प्रदान किया हैं तथा 788 प्रशिक्षार्थियों ने अपना स्वरोजगार भी स्थापित कर लिया हैं। इन्में से 232 प्रशिक्षार्थियों को लगभग 323 लाख रुपए की राशि बैंक ऋण स्वरुप भी मुहौया करवाई गयी हैं। उन्होंने आगामी माह मे शुरु हो रहे प्रशिक्षण सुअर पालन, डेयरी व वर्मी कम्पोस्टिग तथा कंप्यूटर बेसिक के बारे में जानकारी दी और इच्छुक बेरोजगार युवकों को प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित किया।
इस कार्यक्रम में सफल उधमी बलकार जी ने अपने अनुभव उपस्थित लोगों के साथ सांझा किये और बताया कि सन 2,014 में प्रशिक्षण प्राप्त किया और आज 25000 / - रु प्रति माह की आय हो रही है, जिसके लिए सस्थांन से सम्पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ। उन्होने बताया कि आरसेटी एक अपने आप मे ऐसा पहला संस्थान है जहां तकनीक ज्ञान के साथ साथ व्यवसायिक कौशल भी प्रदान किया जाता हैं और मैकनिकल प्रशिक्षण में प्रशिक्षार्थियों को निशुल्क टूल किट भी प्रदान कि जाती हैं ताकि प्रशिक्षण प्राप्ति के पश्चात वे अपना व्यवसाय शीघ्र अति शीघ्र आरम्भ कर सकें।
इस कार्यक्रम में ग्राम गढी रोडान से अध्यापक सतपाल सिहं व सरपंच अजय सिहं ने ग्रामवासियों को कौशल विकास-स्किल इंडिया स्कीम के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया और स्वरोजगार अपनाने के लिए आहवान किया। इस प्रोग्राम में गांव से सभी वर्ग के नागरिकों, महिलाओं तथा बच्चों ने बडी संख्या में भाग लिया। उपस्थित लोगों को सभी वक्ताओं ने उद्यमी जागरूकता कार्यक्रम, वित्तीय साक्षरता, छलपूर्ण मेल आदि विषयों पर विस्तार से बताया। गांव से मराठा प्रवीण, अशोक कुमार पंच व रिंकू पंच ने भाग लिया।

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