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Thursday 11 February 2016

सरस्वती हैरीटेज यात्रा के स्वागत के लिए बिछाई पलकें

सरस्वती हैरीटेज यात्रा के स्वागत के लिए बिछाई पलकें
राज्यपाल आज करेंगे ज्योतिसर और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कार्यक्रमों में शिरकत, संगीत डांस ड्रामा ब्यां करेगा सरस्वती नदी की कहानी, पिहोवा के सरस्वती तीर्थ पर सरस्वती महोत्सव के 12 फरवरी के कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ऊमा भारती व मुख्यमंत्री मनोहर लाल होंगे शामिल

कुरुक्षेत्र 10 फरवरी - अतिरिक्त उपायुक्त प्रभजोत सिंह ने कहा कि सरस्वती हैरीटेज यात्रा का कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर पहुंचने पर जगह-जगह स्वागत किया जाएगा। इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने तमाम तैयारियां मुकम्मल कर ली हैं। इतना ही नहीं, 11 फरवरी को राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी 4.30 बजे ज्योतिसर तीर्थ व सायं 5 बजे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय आरके सदन कार्यक्रम में पहुंचेंगे। प्रशासन की तरफ से कुरुक्षेत्र में 10 से 12 फरवरी तक पिपली, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, ज्योतिसर और पिहोवा में सरस्वती महौत्सव का आयोजन किया जा रहा हैं। इस महौत्सव में निफा संस्था की तरफ से विशेष तौर पर तैयार किया गया डांस ड्रामा आर्कषण का केन्द्र रहेगा। इस डांस ड्रामें की प्रस्तुती कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय और पिहोवा कार्यक्रम में की जाएगी। 
उन्होंने सरस्वती महोत्सव कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेते हुए बताया कि 11 फरवरी को सरस्वती हैरीटेज यात्रा मुविंग एग्ज़ीबिशन के साथ लाडवा, मथाना से होती हुई पिपली में पहुंचेगी। पिपली में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। थानेसर विधायक सुभाष सुधा इस प्रदर्शनी का उदघाटन करेंगे। उन्होंने बताया कि 11 फरवरी को ही सायं 4 बजे ज्योतिसर में आरती और पूजा पाठ कार्यक्रम का आयोजन होगा। इसी दिन ही सायं 5 बजे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में सरस्वती महोत्सव पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे। इस दौरान सरस्वती हैरीटेज यात्रा भी पिपली, यूनिवर्सिटी, ज्योतिसर, मुर्तजापुर, पिहोवा, गुमथला से होती हुई कैथल की तरफ रवाना होगी। 
उन्होंने बताया कि 12 फरवरी को पिहोवा में सरस्वती महोत्सव को लेकर सुबह 10 बजे एक शोभा यात्रा का आयोजन किया जाएगा और दोपहर 3 बजे सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री ऊमा भारती शिरकत करेंगी। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल अध्यक्षता करेंगे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में स्कूल के विद्यार्थियों और जाने-माने कलाकारों द्वारा हरियाणा की संस्कृति से जुड़े लोक नृत्यों की प्रस्तुति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों की तैयारियों के लिए सम्बंधित विभागों के अधिकारियों की डयूटियां लगा दी गई हैं। सभी विभाग अपने-अपने स्तर पर तैयारियां पूरी करना सुनिश्चित करेंगे। इस मामले में किसी प्रकार की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी। 

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जगह-जगह होगा सरस्वती हैरीटेज यात्रा का स्वागत

एडीसी प्रभजोत सिंह ने कहा कि सरस्वती हैरीटेज यात्रा यमुनानगर से 11 फरवरी को लाडवा में पहुंचेगी। यहां पहुंचने पर लाडवा विधायक डा. पवन सैनी स्वागत करेंगे। इसके पश्चात यह यात्रा मथाना गांव से होती हुई पिपली पहुंचेगी। यहां पहुंचने पर थानेसर विधायक सुभाष सुधा स्वागत करेंगे। इसके पश्चात कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में सांसद राजकुमार सैनी व थानेसर विधायक सुभाष सुधा तथा ज्योतिसर में भी सरस्वती हैरीटेज यात्रा का स्वागत थानेसर विधायक सुभाष सुधा द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा यह यात्रा लोहार माजरा, भौर सैदां, मुर्तजापुर, चुनिया फार्म, संधौली से होती हुई पिहोवा में पहुंचेगी। पिहोवा में राज्यमंत्री नायब सिंह सैनी व हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भारत भूषण भारती यात्रा का स्वागत करेंगे। इसके बाद गांव भेरियां में अम्बाला के विधायक असीम गोयल स्वागत करेंगे। यह यात्रा गुमथला गढ़ु, खेड़ी शीशगरां और थाना से होती हुई कैथल की तरफ अग्रसर होगी। 

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किन-किन अधिकारियों को नियुक्त किया नोडल अधिकारी

सरस्वती महौत्सव में 11 फरवरी के लिए डीआईपीआरओ सुनील कुमार को प्रदर्शनी, वैन का नोडल अधिकारी नियुक्त किया हैं। इसके अलावा 11 फरवरी को ही एसडीएम थानेसर सतबीर कुंडु, डीडीपीओ कपिल शर्मा, डीआरओ अशोक मलिक को पिपली कार्यक्रम के लिए, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लिए एसडीएम थानेसर, ज्योतिसर कार्यक्रम में नगराधीश और उनके साथ डीडीपीओ डीआरओ, बीडीपीओ थानेसर तथा 12 फरवरी के पिहोवा कार्यक्रम के लिए एसडीएम पिहोवा डा. किरण सिंह और उनका सहयोग करने के लिए बीडीपीओ पिहोवा को नियुक्त किया हैं। 

फोटो समाचार
लोकगीत व संगीत में सांस्कृतिक मूल्यों को शामिल करना जरूरी : सुचि
रागनियों की बारीकियों और रागों व सुरों से ओत-प्रोत हुए कलाकार, प्रसिद्ध लोक कलाकार बालकृष्ण जुआ ने दी लोकगीतों की जानकारी, हिसार मंडल की कार्यशाला का समापन आज

कुरुक्षेत्र 10 फरवरी - कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय संगीत विभाग की चेयरमैन प्रो. सुचिस्मिता ने कहा कि लोकगीत और संगीत में सांस्कृतिक मूल्यों को शामिल करना निहायत जरूरी है। जब कलाकार अपने गीतों में सांस्कृतिक विरासत के झरोखों का गुणगान करेंगे तो निश्चित ही लोग कलाकारों के साथ जुड़ेंगे और इस दौरान कलाकार सरकार के मन की बात लोगों तक पहुंचा सकते हैं। 
वे बुधवार को मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर मेें सूचना, जन सम्पर्क एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की तरफ से हिसार मंडल के भजन पार्टी सदस्यों व खंड प्रचार कार्यकर्ताओं की कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता के रूप में बोल रही थीं। सुबह के सत्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय संगीत विभाग की चेयरमैन प्रो. सुचिस्मिता ने लोक कलाकारों को संगीत में दृश्यात्मकता की अवधारणा, सुरीला गीत, सहज स्वभाव और नये साहित्य का संकलन करने के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि लोक गीत व संगीत को अच्छा बनाने के लिए मन के भावों को पहचानने की जरुरत है। जब कलाकार अपने मन के भावों को शब्दों में पिरोता है तो निश्चित ही नया गीत और संगीत जन्म लेता है। इस प्रकार ये गीत और संगीत दर्शकों और श्रोताओं पर अपनी छाप छोड़ते हैं। उन्होंने लोकगीत और शास्त्रीय संगीत के बारे में बताते हुए कहा कि लोकगीतों में शास्त्रीय संगीत का मिश्रण करके लोकगीतों को प्रभावी बनाया जा सकता है। 
प्रो. सूचिस्मिता ने रागों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए विभिन्न रागों को भजन गाकर बताने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि उम्र के बढऩे से ज्ञान नहीं बढ़ता, बल्कि ज्ञान को अर्जित करने की जरुरत रहती है। इसी तरह संगीत का निरंतर ज्ञान अर्जित करना बहुत जरूरी है। कलाकार की हर जगह एक परीक्षा होती है और इस परीक्षा को पास करने के लिए संगीत का विशेषज्ञ होना बहुत जरूरी है। उन्होंने करीब 8-10 लोकगीत, भजन की प्रस्तुति देकर कार्यशाला के दोपहर बाद के सत्र में संगीत रस भरने का काम किया। उन्होंने कहा कि लोक संगीत किसी परिचय का मोहताज नहीं है। लोक संगीत को केवल रागनी के रूप में ही नहीं देखा जाना चाहिए। 
प्रसिद्ध लोक कलाकार बालकृष्ण जुआ ने लोकगीत और संगीत के बारे में जानकारी देते हुए  कहा कि लोक कलाकारों को अपनी प्रस्तुति के दौरान अपने हाव-भाव पर विशेष ध्यान देना चाहिए। प्रस्तुति देने वाले कलाकार को दर्शकों और श्रोताओं को देखकर अपनी प्रस्तुति को प्रभावी ढंग से देना चाहिए। उन्होंने रागनियां सुनाकर कलाकारों को लोक संगीत और शास्त्रीय संगीत की बारीकियों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि क्लासिकल म्यूजिक ही पहले लोक संगीत था। जब लोक संगीत को नियमों में बांध दिया गया, तब वह शास्त्रीय संगीत कहलाया। उन्होंने कहा कि भक्ति संगीत, लोक संगीत और शास्त्रीय संगीत एक ही पहलू है। सभी को एकाग्रचित होकर गाना चाहिए और निरंतर अभ्यास करना चाहिए। इस कार्यशाला के मंच का संचालन वर्कशाप के संयोजक एवं एआईपीआरओ नरेंद्र सिंह ने किया। इस मौके पर जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी सुनील कुमार, एआईपीआरओ धर्मेंद्र सिंह, मैक की संयोजिका रीना गौरी, धर्मपाल आदि मौजूद थे। 


गांधी स्मारक निधि का 12 फरवरी को ब्रहमसरोवर पर होगा कार्यक्रम

कुरुक्षेत्र 10 फरवरी - गांधी स्मारक निधि द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 12 फरवरी को सुबह 11 बजे गांधी अस्थि विसर्जन सभा का आयोजन किया जा रहा है। यह जानकारी देते हुए गांधी स्मारक निधि पंजाब, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष महेश दत्त शर्मा ने बताया कि 30 जनवरी 1948 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के महानिर्वाण के पश्चात 12 फरवरी 1948 को उनकी पवित्र अस्थियां राष्ट्र की पवित्र नदियों और पवित्र सरोवरों में हमारे राष्ट्रीय नेताओं ने विसर्जित की थीं। प्रत्येक वर्ष इस उपलक्ष्य में इन स्थलों पर सभाओं का आयोजन किया जाता है और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। जिन सिद्धांतों और आदर्शों के लिए उन्होंने अपना जीवन बलिदान किया था, उनको न केवल स्मरण किया गया है, बल्कि उन पर चलने का संकल्प भी लिया जाता है। इसी प्रकार से प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी पवित्र तीर्थ स्थल ब्रहमसरोवर कुरुक्षेत्र पर 12 फरवरी को प्रात: 11 बजे गांधी अस्थि विसर्जन सभा का आयोजन गांधी स्मारक निधि पंजाब, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश के तत्वावधान में किया जा रहा है, जिसमें प्रदेश व नगर के सभी प्रमुख नागरिक, रचनात्मक, सामाजिक एवं राजनैतिक कार्यकर्ताओं और नेताओं के अतिरिक्त प्रदेश की खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व सांसद डा. रामप्रकाश करेंगे। 


फोटो समाचार
रेलवे स्टेशन से पुलिस ने बरामद किया लावारिस बच्चा रोहण

कुरुक्षेत्र 10 फरवरी - जीआरपी पुलिस ने रेलवे स्टेशन पर अकेला लावारिस हालत में घूमते हुए रोहण नाम के एक बच्चे को बरामद किया। यह जानकारी देते हुए महिला एवं बाल विकास की परियोजना अधिकारी गुरविंद्र कौर मल्ही की तरफ से जारी एक प्रैस विज्ञप्ति में कहा है कि चाईंल्ड वैलफेयर कमेटी ने बच्चे को अस्थाई तौर पर लाडवा बाल आश्रम में दाखिल करवाया है। यह बच्चा मीरापुर मुज्जफरनगर उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और वह टयूशन पढक़र घर आ रहा था कि एक व्यक्ति ने उसे बेहोश कर उठा लिया। जब बच्चा होश में आया तो वह कुरुक्षेत्र रेलवे स्टेशन पर था। इस मौके पर वीरेंद्र सिंह काजल, मंजुला, सीमा, विनोद आदि की टीम बच्चे के परिजनों की तलाश में जुट गई है।

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