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Sunday 14 February 2016

सरस्वती जन्मोंत्सव को वर्ष 2018 में मनाया जाएगा अंतर्राष्ट्रीय उत्सव के रुप में:मनोहर

फोटो समाचार
सरस्वती जन्मोंत्सव को वर्ष 2018 में मनाया जाएगा अंतर्राष्ट्रीय उत्सव के रुप में:मनोहर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किया माँ अन्नपूर्णा भंडारा भवन का उदघाटन, मुख्यमंत्री ने दिया 5 करोड़ का अनुदान, पिहोवा की सभी मांगों को जांचने के बाद किया जाएगा पूरा, हर्षोल्लास के साथ मनाया गया सरस्वती महोत्सव, 3 दिवसीय सरस्वती महोत्सव सम्पन्न

पिहोवा 12 फरवरी - हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरस्वती जन्मोत्सव को वर्ष 2018 में अंतर्राष्ट्रीय उत्सव के रुप में मनाया जाएगा। इस उत्सव की तैयारियां अभी से शुरु कर दी जाएगी। इस पवित्र सरस्वती नदी की निर्मल धारा को फिर से धरातल पर प्रवाहित करने के लिए सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड का गठन किया जा चुका हैं। इस बोर्ड के माध्यम से सरस्वती नदी के तट पर सभी तीर्थ स्थलों, मार्गों, कुरुक्षेत्र 48 कोस के 134 तीर्थ व पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाएगा। इतना ही नहीं केन्द्र सरकार ने कुरुक्षेत्र के पर्यटन व तीर्थ स्थलों को श्रीकृष्णा सर्किट के तहत विकसित करने के लिए 120 करोड़ का अनुदान दिया हैं। 
मुख्यमंत्री मनोहर लाल शुक्रवार को देर सायं सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की तरफ से सरस्वती तीर्थ पार्क स्थल पर 3 दिवसीय सरस्वती महोत्सव समारोह के समापन समारोह में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में एचएसएससी के चैयरमेन भारत भूषण भारती ने पिहोवा के सरस्वती तीर्थ को विकसित करने, सरस्वती साईन बोर्ड का गठन करने, सरस्वती तीर्थ को पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करने के लिए श्रीकृष्णा सर्किट में शामिल करने, पिहोवा के 105 गंावों को विकसित करने, पिहोवा के पश्चिम क्षेत्र में गलेडवा की तरफ 8 किलोमीटर लंबा बाईपास बनाने, स्योंसर में 11 हजार एकड़ जंगल को विकसित करने, भाई उदय सिंह की 300 साल पुरानी हवेली को हैरीटेज का दर्जा देने, भेरियां राजकीय कालेज में विज्ञान की शाखा शुरु करने, बिल्डिंग का नवनिर्माण करने, नपा की जमीन पर हर्बल व शहीद पार्क बनाने सहित सडक़ों का निर्माण करने की मांगों को रखा, इन मांगों पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया की भौर सैंयदा, सारसा व कालेज के अलावा अन्य तमाम मांगों को विभागीय स्तर पर जांचने के बाद पूरा किया जाएगा और मुख्यमंत्री ने सरस्वती के प्रंबधकों को 5 करोड़ रुपया अनुदान देने की घोषणा भी की हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सरस्वती तीर्थ पर माँ अन्नपूर्णा भंडारा समिति द्वारा निर्मित भवन का उदघाटन किया और माँ सरस्वती मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल,आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य इंद्रेश कुमार, गीता मनीषी स्वामी  ज्ञानानंद महाराज, राज्यमंत्री कृष्ण कुमार बेदी, सांसद राजकुमार सैनी, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चैयरमेन भारत भूषण भारती, सीपीएस श्याम सिंह राणा, विधायक सुभाष सुधा व विधायक डा. पवन सैनी सहित तमाम मेहमानों ने वन विभाग व सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की तरफ से आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया और सरस्वती पार्क में पौधारोपण किया। 
मुख्यमंत्री ने सरस्वती महोत्सव के ऐतिहासिक पर्व पर प्रदेश वासियों को बधाई देते हुए कहा कि किसी भी देश की सभ्यता संस्कृति को चिरकाल तक तभी जिंदा रखा जा सकता हैं, जब उस देश की संस्कृति व संस्कारों को लंबे समय तक याद रखा जाता हैं। इसलिए इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा हैं कि कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीें हमारी, इस कथन के चलते आज पूरी दुनिया हिन्दूस्तान से संस्कृति और संस्कार ग्रहण कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र 48 कोस में भगवान श्रीकृष्ण के गीता उपदेश, महाभारत और वेदों-पुराणों की रचना की गई। इस क्षेत्र को विकसित करने का संकल्प सरकार ने लिया हैं। इसलिए सरकार ने जहां इस वर्ष प्रत्येक जिले में गीता जयंती महोत्सव मनाया और वर्ष 2016 में गीता जयंती को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाएगा। इसके उपरांत पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जिला परिषद व सरपंच के झुठे प्रमाण पत्र से सम्बन्धित कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई हैं, अगर कोई शिकायत मिली तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि सरस्वती भारत की दिव्यता और ज्ञान की जननी हैं। जब किसी देश में ज्ञान लुप्त होता है तो कठिनाईयों और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और नैतिक मुल्यों भी गिरावट आती हैं। इसलिए सरकार ने ज्ञान की देवी सरस्वती नदी को फिर से प्रवाहित करने की जो योजना तैयार की हैं उसकी जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के राष्ट्रहित के मुदों पर राजनीति करना ठीक नहीं होता हैं। ऐसे मामलों में देशप्रेम की भावना से काम करना चाहिए। आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा कि सरस्वती जन्मोंत्सव व बंसत महोत्सव एक पवित्र दिन हैं इस पवित्र दिन पर हजारों वर्ष पुरानी सरस्वती वाणी, संगीत, ज्ञान व संस्कृति की देवी को याद करना एक सराहनीय कार्य हैं। पिहोवा की इस पवित्र धरा पर सरस्वती हजारों सालों से विराजमान हैं। सरकार ने जीवन मुल्यों व देश की संस्कृति को बचाने के लिए सरस्वती हैरीटेज विकास बोर्ड के माध्यम से सरस्वती जन्मोत्सव मनाकर ऐतिहासिक निर्णय लिया हैं। उन्होंने कहा कि इस पावन पर्व पर सभी लोग संकल्प लेकर जाए कि सरस्वती के ज्ञान को धारण करेंगे।
एचएसएससी के चैयरमेन भारत भूषण भारती ने कहा कि राजय सरकार एक हरियाणा-एक हरियाणवी, सबका साथ-सबका विकास उदेश्य को लेकर हरियाणा का समान रुप से चहुमुखी विकास कर रही हैं। सरकार ने संकल्प लिया है कि सरस्वती की निर्मल धारा को फिर से प्रवाहित करेंगे, आज यह संकल्प साकार होता नजर आ रहा हैं। सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के वाईस चैयरमेन प्रंशात भारद्वाज ने मेहमानों का स्वागत करते हुए सरस्वती नदी के इतिहास और सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की भावी योजनाओं पर विस्तृत प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम को यादगार बनाने में शिक्षा विभाग की छात्राओं और निफा के कलाकारों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम के अंत में चैयरमेन भारत भूषण भारती व हैरीटेज बोर्ड के वाईस चैयरमेन प्रंशात भारद्वाज ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को स्मृति चिन्ह भेंट किया। अतिरिक्त उपायुक्त प्रभजोत सिंह ने आंगुतकों का आभार व्यकत किया। प्रशासन की तरफ से सभी मेहमानों को स्मृति चिन्ह भेंट किए। इस मौके पर राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी, सांसद राजकुमार सैनी, सीपीएस श्याम सिंह राणा, विधायक सुभाष सुधा, विधायक डा. पवन सैनी, विधायक कुलवंत, ओएसडी अमरेन्द्र सिंह, राजनैतिक सलाहकार जगदीश चोपड़ा, आईएएस अधिकारी अमित झा, बोर्ड के सीईओ विजेन्द्र, पूर्व मंत्री बलबीर सैनी, पूर्व मंत्री एमएल रंगा, भाजपा जिलाध्यक्ष धर्मवीर मिर्जापुर, युद्धिष्ठर बहल, रोशन लाल गर्ग, सुशंात भारती, महंत बंसी पुरी, महंत स्वामी उत्तम गिरी, रविन्द्र सांगवान, गुरदयाल सन्हेड़ी, हरपाल सिंह, संजीव शास्त्री, रामधारी शर्मा, मदन लाल दुआ, धुम्मन सिंह किरमच, सचिन मित्तल, गुरनाम मलिक, रवि भूषण गर्ग, श्याम लाल जांगड़ा, सुरेन्द्र माजरी, अमरजीत कैथल, राकेश शर्मा, सुनील, दीपक शर्मा, सतीश सिंगला, तरुण वडेैच, कुलदीप छतरी वाला, एसडीएम डा. किरण सिंह, नगराधीश पूजा भारती आदि मौजूद थे।

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